Friday, December 20, 2019

CAA: बीजेपी का दावा, मनमोहन ने भी किया था समर्थन- आज की पाँच बड़ी ख़बरें

नागरिकता क़ानून पर देश भर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच भारतीय जनता पार्टी ने दावा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी शरणार्थियों को नागरिकता दिए जाने की वक़ालत की थी.

बीजेपी ने अपने ट्विटर एकाउंट से 2003 में राज्य सभा में एक चर्चा के दौरान मनमोहन सिंह के दिए गए भाषण का एक हिस्सा ट्वीट किया है जब वो विपक्ष के नेता थे.

उस वक़्त अटल बिहारी वाजपेयी की अगुआई वाली सरकार ने नागरिकता संशोधन विधेयक पेश किया था.

बीजेपी के अनुसार इस विधेयक पर चर्चा के दौरान मनमोहन सिंह ने बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों में दमन झेल रहे अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने की बात की थी.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि नागरिकता क़ानून पर संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संस्थाओं को जनमत संग्रह करवाना चाहिए.

गुरुवार को कोलकाता में एक रैली में ममता बनर्जी ने कहा, यूएन और मानवाधिकार संस्थाओं को इसका अध्ययन करने दीजिए. राजनीतिक दल और धार्मिक संगठन इस प्रक्रिया से अलग रहें.

ममता बनर्जी ने बीजेपी नेताओं को चुनौती देते हुए कहा, अगर आप मुझसे मेरे पिता का जन्म प्रमाण पत्र मांगते हो, तो तुम भी उसे दो. क्या इन बीजेपी नेताओं के पास अपने पिता का जन्म प्रमाण पत्र है? बीजेपी हमसे हमारे पूर्वजों का प्रमाण माँग उनका अपमान कर रही है."

उनके इस बयान के बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ट्वीट कर ममता बनर्जी से अपना बयान वापस लेने की माँग की और कहा कि देश सबसे ऊपर होता है.

झारखंड में शुक्रवार को विधानसभा चुनाव के पाँचवें और अंतिम चरण में 16 सीटों पर मत डाले जाएँगे.

इस चरण में संथाल परगना क्षेत्र के साहिबगंज, पाकुड़, दुमका, जामताड़ा, देवघर और गोड्डा के 16 निर्वाचन क्षेत्रों में वोट डाले जाएँगे.

इनमें से कुछ सीटें नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आती हैं जहाँ लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावकर्मियों और पुलिसकर्मियों पर हमले हुए थे.

2014 के चुनाव में इन 16 में से छह सीटों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा और पाँच सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की थी.

उत्तर भारत के कई राज्यों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है.

राजधानी दिल्ली में गुरुवार को न्यूनतम तापमान 5.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को भी स्थिति बहुत नहीं बदलेगी.

दिल्ली में शुक्रवार को सुबह से ही घना कोहरा छाया हुआ है.

पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड में भी शीतलहर जारी है.

पहाड़ी इलाक़ों में बर्फ़बारी की वजह से मैदानी इलाक़ों में अचानक ठंड बढ़ गई है.

हेती की सरकार ने कहा है कि वह संयुक्त राष्ट्र से अपील करेंगे कि वो अपने उन कर्मचारियों पर कार्रवाई करे जिन्हें सयुंक्त राष्ट्र की ही एक रिपोर्ट में हेती की युवतियों के साथ यौन शोषण करने का दोषी पाया गया था.

हेती के विदेश मंत्री बोचित एडमोंड ने कहा है कि पीड़ित लड़कियों को इंसाफ मिलना चाहिए.

उन्होंने साथ ही कहा कि उनकी सरकार संयुक्त राष्ट्र से जवाब चाहती है कि वो पीड़िताओं को उचित मुआवज़ा दे.

एक रिपोर्ट में पता चला था कि हेती में साल 2010 में आए भूकंप के बाद वहां मदद के लिए गए यूएन के कार्यकर्ताओं ने कई युवतियों का यौन शोषण किया था.

नागरिकता क़ानून पर देश भर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच भारतीय जनता पार्टी ने दावा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी शरणार्थियों को नागरिकता दिए जाने की वक़ालत की थी.

बीजेपी ने अपने ट्विटर एकाउंट से 2003 में राज्य सभा में एक चर्चा के दौरान मनमोहन सिंह के दिए गए भाषण का एक हिस्सा ट्वीट किया है जब वो विपक्ष के नेता थे.

उस वक़्त अटल बिहारी वाजपेयी की अगुआई वाली सरकार ने नागरिकता संशोधन विधेयक पेश किया था.

बीजेपी के अनुसार इस विधेयक पर चर्चा के दौरान मनमोहन सिंह ने बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों में दमन झेल रहे अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने की बात की थी.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि नागरिकता क़ानून पर संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संस्थाओं को जनमत संग्रह करवाना चाहिए.

गुरुवार को कोलकाता में एक रैली में ममता बनर्जी ने कहा, यूएन और मानवाधिकार संस्थाओं को इसका अध्ययन करने दीजिए. राजनीतिक दल और धार्मिक संगठन इस प्रक्रिया से अलग रहें.

ममता बनर्जी ने बीजेपी नेताओं को चुनौती देते हुए कहा, अगर आप मुझसे मेरे पिता का जन्म प्रमाण पत्र मांगते हो, तो तुम भी उसे दो. क्या इन बीजेपी नेताओं के पास अपने पिता का जन्म प्रमाण पत्र है? बीजेपी हमसे हमारे पूर्वजों का प्रमाण माँग उनका अपमान कर रही है."

उनके इस बयान के बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ट्वीट कर ममता बनर्जी से अपना बयान वापस लेने की माँग की और कहा कि देश सबसे ऊपर होता है.

झारखंड में शुक्रवार को विधानसभा चुनाव के पाँचवें और अंतिम चरण में 16 सीटों पर मत डाले जाएँगे.

इस चरण में संथाल परगना क्षेत्र के साहिबगंज, पाकुड़, दुमका, जामताड़ा, देवघर और गोड्डा के 16 निर्वाचन क्षेत्रों में वोट डाले जाएँगे.

इनमें से कुछ सीटें नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आती हैं जहाँ लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावकर्मियों और पुलिसकर्मियों पर हमले हुए थे.

2014 के चुनाव में इन 16 में से छह सीटों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा और पाँच सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की थी.

Wednesday, December 4, 2019

台湾大选:国民党副主席郝龙斌赴香港为韩国瑜造势,为何重视港澳?

台湾国民党副主席郝龙斌12月3日率团从台北赴香港参加港澳台商举办的韩国瑜造势活动,吸引近600人参加,但比起韩国瑜3月访港时的大张声势,国民党团体此行赴港相对低调。

专家分析,该活动低调举办,目的是淡化与中国丶港澳友好关系的表现。重视港澳地区,除了巩固该党在港澳势力,也突显出他们害怕失去香港下个世代支持的忧虑。

“韩国瑜冻蒜(当选)!韩国瑜加油!”上百人挥舞着中华民国旗帜及国民党旗,高声呐喊,表达对台湾国民党总统候选人韩国瑜的支持。

韩国瑜未出席活动,只通过视频连线对支持者表达感谢。不过国民党仍派出重量级人物——副主席、前台北市长郝龙斌、韩国瑜竞选副总干事周锡玮及国民党籍立委童惠珍、议员王鸿薇等人,为韩国瑜竞选活动造势拉票。

这场12月3日晚间在香港旺角某餐厅举行的“韩国瑜竞选总统造势大会”由港澳台商及台侨主办,活动并未对外公开,报名每人得缴150港币的餐费,有近600人参与。

与会人士透露,他们是私底下通过社交通讯软件或经由朋友邀约得知此活动。比起今年3月韩国瑜以高雄市长身份访港时的高调宣传,国民党重量级人物在台湾大选前赴港为韩国瑜造势,却低调再低调。

韩国瑜今年3月访问香港和澳门时,先后与港澳中联办主任见面,当时遭台湾总统蔡英文质疑是在制造“一国两制”的氛围。

郝龙斌及周锡玮见到BBC中文记者时,一度感到惊讶,问及对香港情势有何看法时,两人皆没有回应。郝龙斌说,这次是来“吃饭”。而周锡玮则对BBC中文表示,“尊重主办方(台商),不接受任何访问”,并说此行是见“一些支持韩国瑜的朋友”。

长期研究台湾政治的香港学者、浸会大学政治及国际关系学系讲师关仲然分析,目前台湾总统选情对国民党不利,尤其香港“反送中”示威又催化台湾社会的红色恐惧,有利于多次强调支持香港追求民主的的蔡英文。

他表示,因此国民党会淡化任何与中国友好的表现,担忧赴香港造势会若被大肆宣传,会冲击韩国瑜的选情。

关仲然对BBC中文说:“这场造势活动明显是巩固在香港的死忠国民党支持者,是非常针对性对一个圈子做宣传,希望透过台商为韩国瑜拉更多票。”

“韩国瑜竞选总统造势大会”活动约进行两个小时,气氛热络,几乎人手一面“青天白日满地红”旗帜,除了唱《中华民国国歌》,也合唱台湾的军歌,营造国民党大团结的气势。

活动约进行两个小时,韩国瑜并透过网路视讯连线说:“因为今天在开会无法到场,因此透过视讯向大家感谢,希望透过团结力量保护中华民国,保护台湾同胞。”

已在移居香港多年的罗女士向BBC中文说:“韩国瑜比较和平,不会说假话,对两岸的政策我们比较能接受。”

另一名旅居美国20年的黄姓与会者则认为,“台湾现在没有更繁荣、经济没有进步,反而退步,希望韩国瑜出来整顿。”

Tuesday, November 26, 2019

香港区议会选举民主派大胜 林郑月娥称会“认真反思”

截至今天中午12时45分,452个选区点票完毕,全部结果出炉。被视为泛民主派的候选人取得超过385席,是香港主权移交以来最多。建制派取得59席,相比上次区选的292席大幅缩水。

许多泛民主派当选人认为,结果反映香港市民强烈要求政府答应近月示威浪潮的“五大诉求”,而建制派认为区议会主要处理地区民生事务,但选举结果显示这方面的工作已经不能保证选情。

在这次香港区议会选举中,许多知名的建制派人物都落选,包括被视为“激进建制派”的立法会议员何君尧、香港最大亲北京政党民建联两名副主席张国钧和周浩鼎。另外,中国全国人民代表大会香港区代表田北辰也在竞逐连任中失败。

泛民主派在这次选举中,在全香港18个区议会大多取得过半数议席,泛民议员预料可以在这些议会成为主席。另外,分析也预期他们会全数控制负责选举香港特首的选举委员会预留给区议员的117席,将成为这个有1200名成员的委员会其中一个具影响力的组群。

这次区议会创下多个香港选举纪录,包括有约294万名选民参加,投票率达71.2%,是主权移交以来最高。泛民主派也首次在区议会取得超过一半议席。

多次举办反对《逃犯条例》修例的“民阵”召集人岑子杰胜选,在接受访问时形容投票结果是“民意如山”,希望林郑月娥“把握这个机会,顺应民意”,落实示威者的“五大诉求”。

亲北京建制派的工联会梁美芬认为,政府的施政令选民不满是建制派落败的其中一个原因,但建制派候选人在选举期间遇到的不公平对待也是原因。她又认为,结果显示香港的投票已经变成“立场先行”的选举,而不是以每名议员的工作表现为标准,因此令建制派选情受挫。

亲北京政党民建联副主席陈克勤说,他留意到有人在投票后重复排队,制造轮候投票时间长的假象,令一些不愿意久候的选民却步。陈克勤没有给出具体个案,但选举管理委员会主席冯骅说,故意阻碍其他人投票是违规行为,如果有切实证据有采取行动执法。

何君尧在连任区议员失败后在社交网站发表文章,形容今年“选举非常”,结果亦“异常”,但没有详细解释。

建制派第一大党民建联在此次区选中派出181人参选,只有21人成功当选。相比上届丢掉过百席位。民建联主席李慧琼虽然保住自己的区议员席位,但在25日还是因整体选情受挫而向市民致歉,并向民建联特别中委会引咎辞职,中委会最终挽留。

正在日本出访的中国外交部长王毅回答记者关于香港区选的提问时称,无论结果怎样,香港都是中国的一部分,任何企图搞乱香港或者破环香港繁荣与稳定的图谋,都不会成功。

中国官媒旗下报纸《环球时报》今日发表社评称,最近几个月暴力肆虐全港,它作为非理性的政治能量显然会以各种方式转化成对选举进程的直接影响,对很多人、尤其是对建制派候选人以及他们支持者造成压力。

”香港与内地社会处在不同的政治制度中,通过选票等宪制规定的方式来表达意见,这在香港是应当鼓励的......包括反对派在内的香港各种力量都须在建制体系中竞争影响力,谁都不应走街头政治的歪门邪道。“

Tuesday, October 22, 2019

لماذا يتراجع عدد القساوسة بصورة مثيرة للقلق في أيرلندا؟

وصل الأب فرانسيس زافيير كوتشوفيتيل إلى مطار دبلن قبل أقل من عامين وسرعان ما شعر ببرودة الهواء في أيرلندا، فقد كانت الحرارة بالكاد أعلى من درجتين مئويتين طوال اليوم، وهو ما لم يعتد عليه بمسقط رأسه في ولاية كيرالا جنوبي الهند، حيث درجات الحرارة تتراوح بين 20 و30 درجة مئوية طوال العام.

يقول كوتشوفيتيل، البالغ من العمر 41 عاما: "يا إلهي، تساءلت ماذا يحدث لي؟"، قبل أن يعتاد على الرياح الباردة ويصبح من محبي أيرلندا بخدمته للكاثوليك في أبرشية شانون جنوب غربي البلاد.

يعد كوتشوفيتيل واحدا من أربعة قساوسة من نطاق كوتشين الإداري ضمن الكنيسة الكاثوليكية في كيرالا. ويخدم القساوسة الأربعة حاليا في منطقة كيلالو بأيرلندا، إذ يساعد الأربعة إضافة لغيرهم من الكهنة القادمين من الخارج في سد النقص بين كهنة أيرلندا والناتج عن تقدم العمر وعزوف الشباب عن السلك الكهنوتي الذي كان يوما مرموقا.

وتشير دراسة بعنوان "اختفاء القساوسة الكاثوليك" إلى انخفاض عدد القساوسة بشكل متسارع في أيرلندا منذ عام 1959. وقد أعد هذه الدراسة عالم الاجتماع برايان كونواي، من الجامعة الوطنية الأيرلندية في ماينوث، الذي يقول إن الأعوام التي تلت زيارة البابا يوحنا بولس الثاني لأيرلندا عام 1979 شهدت ارتفاعا في أعداد القساوسة لم يدم طويلا، ونفس الأمر ينطبق على الفترة التي سبقت ظهور أول فضيحة كبيرة تمس الكنيسة أواخر الثمانينيات وأوائل التسعينيات من القرن الماضي.

لكن خمسة رجال فقط هم من بدأوا دراستهم بالمعهد الإكليريكي الرئيسي لأيرلندا - معهد سانت باتريك كوليدج ماينوث - استعدادا للرسامة للكهنوت.

ولا يبدو ذلك مؤشرا طيبا، خاصة بالنظر إلى أن متوسط عمر الكاهن الأيرلندي يناهز السبعين عاما. لكن لم تيأس الكنيسة في أيرلندا، بل تسعى لإحياء جذوة الكهنوت المتداعي عبر العمل على استقدام كهنة من الخارج.

ونشرت جريدة "أيريش إكزامينر" العام الماضي تقريرا حول حالة أبرشيات أيرلندا، ملقية الضوء على ما تواجهه من مصاعب، منها أبرشية كيري الكبرى حيث لا يوجد إلا 54 قسا لخدمة 53 أبرشية أصغر، ومن بين هؤلاء القساوسة ستة فقط دون الخمسين.

وقال ديرمود مارتن، أسقف دبلن في كلمة في دبلن في نوفمبر/تشرين الثاني 2017، إن 57 في المئة من قساوسة دبلن أكبر من 60 عاما - وهي النسبة المتوقع ارتفاعها إلى 75 في المئة بحلول 2030. وتبين تقديرات أخرى انضمام قس جديد واحد دون الأربعين عاما للكهنوت في دبلن كل عام حتى 2030.

ويعني هذا أن عدد القساوسة الذين يموتون أو يتقاعدون أكثر كثيرا من المنضمين الجدد.

وقد دفع هذا الوضع الأب فنتون موناهان، أسقف أبرشية كيلالو الكبرى، لمد الأواصر مع أساقفة ولاية كيرالا الهندية، حيث هناك إقبال قوي على الكهنوت، ثم بدأ بانتداب قساوسة من الولاية الهندية بالأبرشيات التابعة له في أيرلندا. وهناك أربعة قساوسة من كيرالا، وهم الأب كوتشوفيتيل والآباء ريكسون تشوليكال، وجوي ميكل نجاراكاتوفيلي، وأنتوني بوتيافيتيل، فضلا عن قس واحد من بولندا هو الأب داريوش بلازيك. كما وفد قساوسة لأبرشيات أخرى في أيرلندا من رومانيا ونيجيريا وأوغندا والفلبين.

ويبدو أن تراجع أعداد القساوسة في أيرلندا نتيجة طبيعية للتغيرات الاجتماعية والسكانية التي شهدتها البلاد، فأيرلندا تشيخ شأنها شأن الكثير من البلدان الأوروبية بينما يتدنى معدل المواليد بها، كما يشير التعداد السكاني لعام 2016. وقد زاد عدد الأشخاص الذين تتجاوز أعمارهم 65 عاما بنسبة 19.1 في المئة منذ عام 2011 - ضعف النسبة للشريحة العمرية بين 15 و64 عاما.

كما أشارت تقديرات نشرت في أبريل/نيسان الماضي إلى أن عدد الأيرلنديين الذين غادروا البلاد كان أكبر من العائدين لبلادهم بفارق 2100 شخص عام 2018.

ويشير كونواي إلى تغيرات هيكلية في المجتمع باعتبارها ذات أثر أكبر، منها توافر الوظائف وفرص العمل للشباب عن ذي قبل، بينما لم يعد الانضمام للكهنوت يلقى نفس القبول. ومازالت الكنيسة الكاثوليكية عالميا لا تقبل رسامة المرأة، ما ينسحب على أيرلندا، وهو ما يقلص احتمالات المتقدمين بمقدار النصف.

Wednesday, October 9, 2019

NYT написала статью о секретных миссиях ГРУ. Мы прочитали ее за вас

За российскими акциями, направленными на дестабилизацию в Европе, якобы стоит подразделение 29155, следует из публикации в американской газете New York Times (NYT). Русская служба Би-би-си пересказывает содержание статьи.

Представители западных разведок пришли к выводу, что это подразделение ГРУ причастно к "кампании по дестабилизации" в Молдове, отравлению болгарского торговца оружием Емельяна Гебрева, попытке госпереворота в Черногории и отравлению семьи Скрипалей в британском Солсбери, утверждает издание.

Ранее считалось, что эти инциденты, хотя и имеют российский след, не связаны друг с другом, пишет New York Times.

Подразделение функционирует не меньше 10 лет, но о его существовании западным спецслужбам стало известно лишь недавно, следует из публикации.

Издание утверждает, что авторам удалось поговорить с представителями разведок четырех стран. И те якобы обращали внимание на непредсказуемость действий этого подразделения.

Подразделение, говорится в статье, располагается в штаб-квартире 161-го учебного центра специального назначения на востоке Москвы. Офицеры подразделения, многие из которых являются ветеранами военных кампаний в Афганистане, Чечне и Украине, активно перемещаются по Европе, пишет газета.

Это подразделение настолько засекречено, что, по всей видимости, о его существовании ничего неизвестно другим служащим ГРУ, говорится далее в публикации.

Пресс-секретарь президента России Дмитрий Песков, которому газета направила запрос о подразделении 29155, переадресовал американских журналистов в российское министерство обороны. Там изданию не ответили.

Газета описывает фотографию, сделанную, по ее данным, в 2017 году, на ней предполагаемый командир подразделения генерал-майор Андрей Аверьянов в сером костюме и галстуке-бабочке запечатлен на свадьбе своей дочери вместе с Анатолием Чепигой, которого британские власти подозревают в причастности к отравлению Скрипалей.

Впервые западные спецслужбы узнали о существовании подразделения после провалившейся попытки переворота в Черногории в 2016 году, но пристальное внимание к нему возникло после отравления Скрипалей, пишет далее NYT.

За год до их отравления офицеры подразделения 29155 приезжали в Британию - вероятно, для разведки. В их числе был Александр Мишкин, которого британские власти также подозревают в причастности к отравлению Скрипалей. С ним были "Сергей Павлов" и "Сергей Федотов", который осуществлял надзор за проведением операции.

Западные спецслужбы установили, что в 2015 году те же "Павлов" и "Федотов" входили в состав группы, которая организовала попытку отравления болгарского оружейного бизнесмена, владельца компании Emco Эмилиана Гебрева, говорится в публикации.

Monday, September 30, 2019

25 лет гибели парома "Эстония". Родственники жертв требуют нового расследования

Крушение парома "Эстония" 28 сентября 1994 года считается одной из крупнейших морских катастроф со времен "Титаника". Из 989 человек на борту выжили 137. В сентябре 2019-го таллинский суд решает, нужно ли новое расследование этого дела. Этого требуют родственники, которые так и не понимают, что произошло.

"Ты ничто. Реально ничто. Ничего не можешь сделать, - говорит Би-би-си Интс Клявиньш, один из выживших пассажиров "Эстонии". - Вертолеты летают, никто нас не видит, ночь, волны". В 1994 году ему было 22 года, и на борту "Эстонии" он ехал в Швецию к невесте.

Сийри Саме было 25, она работала на пароме бухгалтером, а дома ее ждал шестилетний сын. "Я почувствовала, что это могут быть последние минуты моей жизни", - говорит она Би-би-си.

В катастрофе выжили 137 человек, спасатели нашли 95 тел, еще 757 человек так и считаются пропавшими без вести.

В спасательной операции участвовали десятки судов, шведские и финские вертолеты - их экипажи оказались практически бессильны, люди умирали в воде от переохлаждения.

"Эстония" вышла из Таллина и направилась в Стокгольм вечером 27 сентября, на борту было 989 человек: 803 пассажира, 186 членов экипажа. В час ночи паром был в открытом море. Кто-то из пассажиров спал, кто-то проводил время в барах. В Стокгольм должны были прийти утром.

В море был шторм, но Сийри Саме говорит, что ничего экстраординарного в этом не было: "Мы видели шторма и посильнее. Бывало, что надо держаться за что-то, чтобы идти, иногда тарелки и мебель двигались".

Tuesday, September 24, 2019

Поверил Путину - попал под статью. Налоговую амнистию использовали против бизнесмена

Российские следователи и суд использовали против бизнесмена декларацию, поданную им в рамках амнистии капиталов. Президент Владимир Путин обещал, что этого не случится.

Кремль утверждает, что Путину стоит верить, а эксперты говорят, что прецедент подорвет доверие тех, кто собирался легализовать спрятанные за границей капиталы, но пока не воспользовался продленной до весны амнистией.

Глава управляющей компании петербургского порта Усть-Луга Валерий Израйлит был арестован в конце декабря 2016 года по делу о мошенничестве на 208 млн рублей при поставках труб для нефтебазы госкомпании "Транснефть".

До суда дело дошло только в сентябре 2019 года. На одном из первых заседаний выяснилось, что следователи из ФСБ запросили в Федеральной налоговой службе декларацию Израйлита, которую он подал в начале 2016 года в рамках амнистии капитала, пишут "Ведомости" со ссылкой на защиту предпринимателя. По данным издания, бизнесмен задекларировал иностранные компании, акции, банковские счета, квартиру в Лондоне.

Адвокат бизнесмена Владимир Ковин рассказал Би-би-си, что следствие использует данные из декларации как доказательства вины Израйлита в совершении преступлений, предусмотренных статьями 193 ("невозвращение валюты из-за границы") и 174 ("отмывание денежных средств"). Также, по словам адвоката, следователи с помощью декларации обосновали меру пресечения - якобы бизнесмен может скрыться, потому что обладает имуществом за границей.

Суд разрешил приобщить к делу эти сведения, сказал Ковин.

Адвокат считает, что это было сделано "в нарушение тех обязательств, которые брало на себя государство, а именно - о сохранности налоговой тайны и сведений, указанных в декларации".

Президент Владимир Путин анонсировал амнистию капитала в ежегодном послании Федеральному собранию в декабре 2014 года.

"Если человек легализует свои средства и имущество в России, он получит твердые правовые гарантии, что его не будут таскать по различным органам, в том числе правоохранительным, трясти, не спросят об источниках и способах получения капитала, что он не столкнется с уголовным или административным преследованием, и к нему не будет вопросов со стороны налоговых служб и правоохранительных органов", - сказал тогда Путин.

Первая амнистия капитала была проведена в 2016 году, а через два года была объявлена еще одна. Тогда министр финансов Антон Силуанов говорил, что это вопрос доверия. "[Предприниматели опасаются], а вдруг информация о наших зарегистрированных компаниях, счетах попадет в СМИ, нас начнет кошмарить правоохранительная система? Этого не произошло", - рассуждал министр об успехах второй амнистии.